राहुल और पूजा दोनों ने अपनी जिन्दगी में एक अजीब मोड़ लिया। स्कूल के बाद कॉलेज में दाखिला पाते ही, वो दोनों अपने नए दोस्तों के साथ मिलकर बुरी आदतों में फँसते चले गए।
राहुल का दिन अब अपने मोबाइल पर घंटों बिताने में बीतता। वह सुबह उठते ही सबसे पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स चेक करता, और फिर पूरा दिन रील्स और वीडियो देखते हुए बिता देता। वह सोचता कि यह सिर्फ मनोरंजन है, लेकिन धीरे-धीरे उसे एहसास हुआ कि वह अपनी पढ़ाई और भविष्य की तरफ से ध्यान हटाता जा रहा है।
वहीं पूजा, अपने कॉलेज के दोस्तों के प्रभाव में आकर शराब पीने और धूम्रपान करने लगी। उसे लगा कि यह उसकी जिंदगी को और रोमांचक बना देगा। लेकिन समय के साथ उसने महसूस किया कि यह आदतें उसकी सेहत और मानसिक शांति को खराब कर रही हैं।
राहुल और पूजा दोनों ने यह भी देखा कि उनके कई साथी अपने निजी रिश्तों में अस्थिरता का सामना कर रहे थे। कई लोगों के एक से अधिक पार्टनर थे, और कुछ ने अपने रिश्तों को सिर्फ शारीरिक सुख के लिए निभाया। यह सब देखकर उन्हें भी ऐसा करने की प्रेरणा मिली, लेकिन इसके परिणामस्वरूप उन्हें सिर्फ तनाव और अवसाद का सामना करना पड़ा।
एक दिन, कॉलेज में एक वर्कशॉप के दौरान, एक प्रेरक वक्ता ने उन्हें बताया कि बुरी आदतों में फँसना कितना आसान होता है। उन्होंने समझाया कि कैसे हमारा मन हमेशा जल्दी से खुशियों की तलाश में रहता है और हमें अल्पकालिक सुख की ओर खींचता है। उन्होंने यह भी बताया कि बुरी आदतें शुरू में हमें अच्छी लगती हैं, लेकिन धीरे-धीरे ये हमारी जिन्दगी को बर्बाद कर देती हैं।
वक्ता ने कहा, "बुरी आदतें जैसे पोर्न देखना, मास्टरबेशन, धूम्रपान, शराब पीना, और असामान्य यौन संबंध हमें तुरंत खुशी दे सकते हैं, लेकिन ये हमारी सेहत, मानसिक शांति और सामाजिक प्रतिष्ठा को खत्म कर देते हैं।" उन्होंने कहा कि समाज में बहुत से लोग इन आदतों को सही ठहराने के लिए तर्क देते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि ये आदतें हमें कमजोर बनाती हैं।
राहुल और पूजा ने उस दिन से एक नया संकल्प लिया। उन्होंने निश्चय किया कि वे अब से अच्छी आदतों को अपनाएंगे। उन्होंने अपने समय का सही इस्तेमाल करना शुरू किया, अपने पढ़ाई और करियर पर ध्यान केंद्रित किया। वे योग, ध्यान, और शारीरिक व्यायाम करने लगे। उन्होंने अपने दोस्तों को भी प्रोत्साहित किया कि वे भी बुरी आदतों से दूर रहें।
आखिरकार, राहुल और पूजा ने अपने जीवन को एक नई दिशा दी। उन्होंने सीखा कि अगर हमें अपनी जिन्दगी को खुशहाल और सफल बनाना है तो हमें अच्छी आदतों को अपनाना होगा।
युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे अपनी जिन्दगी में अच्छी आदतों को अपनाएं। बुरी आदतों से बचें और अपने समय, ऊर्जा, और ध्यान को सकारात्मक गतिविधियों में लगाएं। योग, ध्यान, पढ़ाई, और खेलकूद जैसी चीजों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।